गुरुवार, जून 17, 2010


धार पर हम -2 : लोकार्पण और विमर्श


(प्रस्तुति:विनोद श्रीवास्तव,कानपुर)



11 मई,कानपुर,जुहारीदेवी महिला महाविद्यालय के प्रांगण में गीतकार वीरेन्द्र आस्तिक द्वारा सम्पादित धार पर हम-2 का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। इस समारोह का आयोजन काव्यायन ,जनसंवाद तथा बैसवारा शोध संस्थान के सहयोग से किया गया। समारोह की अध्यक्षता हैदराबाद से पधारे विचारक डाँ विजेन्द्र नारायण सिंह ने की। इस अवसर पर डाँ विमल,राजेन्द्र राव,दिनेश प्रियमन आदि ने धार पर हम के बहाने इस गीत चर्चा मे भाग लिया। बीज भाषण डाँ विमल ने प्रस्तुत किया।उनका कहना था कि गीत नवगीत को कविता से अलग करके देखने की जरूरत नही है। कानपुर के कथाकार पत्रकार राजेन्द्र राव ने आस्तिक जी द्वारा लिखी पुस्तक की भूमिका पर विचार व्यक्त किये। दिनेश प्रियमन ने भी इस अवसर पर सम्पादक आस्तिक जी को बधाई दी और कहा कि यह संकलन धार पर हम -1 की तुलना मे अधिक पोटेंशियल वाला है। अपने अध्यक्षीय भाषण मे डाँ.विजेन्द्र नारायण सिंह ने पुस्तक के सम्पादकीय पर बोलते हुए अनेक ऐतिहासिक समवेत संकलनों पल्लव,तारसप्तक आदि की परम्परा से धार पर हम-2 को जोडते हुए इस संकलन के महत्व की विस्तार से चर्चा की। विषय को आगे बढाते हुए उन्होने डोमन साहू समीर,ठाकुर प्रसाद सिंह के गीतों पर भी टिप्पणी की तथा पुस्तक में संकलित मधुसूदन साहा,ओमप्रकाश सिंह,भारतेन्दु मिश्र आदि के गीतों को सन्दर्भित करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। और अंत मे बैसवारा शोध संस्थान के अध्यक्ष डाँ ओमप्रकाश सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। गीत विमर्श की दृष्टि से चर्चित इस समारोह का संचालन गीतकार विनोद श्रीवास्तव ने किया। यह समाचार दैनिक जागरण,राष्ट्रीय सहारा ,हिन्दुस्तान ,अमर उजाला जैसे अनेक प्रतिष्ठित अखबारों मे भी प्रमुखता से प्रकाशित हुआ।

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